“बार्टर सिस्टम एक तरह का लेनदेन है जिसमें पैसे शामिल नहीं होते हैं। एक्सचेंज की इस प्रणाली में यदि आपको किसी भी सामान या सेवाओं की आवश्यकता है, तो उनको पाने के लिए अपनी ऐसी कोई चीज़ दूसरे को पेश करते है जिसकी आपको कम और उनको ज़यादा ज़रुरत है। इस प्रकार, यह एक्सचेंज तभी संभव है जब दोनों पक्ष एक -दूसरे की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।”
पैसे का आविष्कार करने से पहले पुराने समय में बार्टर सिस्टम चलता था – जैसे मान लीजिये आपको 10 बोरी आलू की ज़रुरत है तो आपको आलू उगाने वाले किसान को कुछ ऐसी पेशकश करनी पड़ेगी जिसकी उसको ज़रुरत है या हो सकती है। इसलिए यदि आप अपनी जमीन पर गन्ने उगाते है तो आप उसे आलू के बदले में 6 बंडल गन्ना दे सकते है।