होम लोन आवेदन भरते समय इन चीज़ों का ध्यान रखें।

  • एक अच्छा विश्वस्तता की परख: अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आपको क़र्ज़ मिलने में आसानी होगी। इसके अलावा, अगर आप एक साल तक समय पर अपनी ब्याज रकम या EMI भरेंगी तो आप अगला साल बैंक मंजर से मोल भाव करके अपनी ब्याज दर कम करवा सकती हैं।

क़र्ज़ राशि तय करते समय रजिस्ट्रेशन शुल्क और स्टैम्प ड्यूटी रकम को गिनना न भूलें: आपकी संपत्ति बेचने पर आपको कर भरना पड़ता है। इसे अप्रत्यक्ष कर कहते हैं। स्टाम्प शुल्क भी इसी कर की श्रेणी में आता है। घर जैसी संपत्ति बेचने पर आपको करीबन 5 प्रतिशत स्टैम्प ड्यूटी देनी पड़ती है। यह आपका घर या ज़मीन किस राज्य में है उसपर निर्भर करता है। आपको 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस भी भरनी पड़ती है। अगर देखा जाए तो यह दोनों रकम मिलकर करीबन ₹50,000 से लाखों तक का अधिकतम खर्च आपको करना पड़ सकता है। होम लोन लेने से पहले इस रकम को संपत्ति के भाव से ज़रूर जोड़ें।

क़र्ज़ दाताओं द्वारा दी गयी अलग अलग मासिक रकम भरने की अनुमति: क़र्ज़ लेते समय किसी भी बैंक को चुनते समय इस बात का ध्यान रखें की वह आपको कभी कबार होने वाली किश्त में उतार चढ़ाव की अनुमति दे। क्योंकि होम लोन किश्त में यह होना सामान्य है।

  • सारे क़र्ज़ से जुड़े दस्तावेज़ों ध्यान से एक जगह रखें: कई बार सही दस्तावेज़ न मिलने पर क़र्ज़ आवेदन समय पर आगे नहीं बढ़ पाता है। इसलिए, अपने सारे पुष्टि से जुड़े दस्तावेज़ एक जगह पर रखें ताकि वे समय पर आपको मिल जाएँ।

 

उतना ही क़र्ज़ लें जितना चुकाया जा सके: ज़ाहिर सी बात है। आपको उतना ही क़र्ज़ लेना चाहिए जितना आप समय पर चूका सकें। इस बात का ध्यान रखें की जितना समय आप क़र्ज़ चुकता करने में लगाएंगी, उतना ही आपका क़र्ज़ बढ़ता जाएगा। यह इसलिए होता है क्योंकि आपके क़र्ज़ पर चक्रवृद्धि ब्याज/चक्रवर्ती इंटरेस्ट/ब्याज लगता है। तो अच्छा होगा अगर आप अपनी मासिक किश्त का आंकलन करें और फिर ही अपनी क़र्ज़ राशि तय करें।

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    इससे हमें यह सीख मिलती है।

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    अच्छा क्रेडिट स्कोर होने से आपको आसानी से होम लोन मिल सकता है।

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    आपकी खरीदी हुई संपत्ति पर 5 प्रतिशत स्टैम्प ड्यूटी और 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस लगेगी। यह स्टैम्प ड्यूटी आपकी संपत्ति किस राज्य में है उसपर निर्भर करती है।

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    कंपाउंड इंटरेस्ट के कारण आपकी ब्याज रकम बढ़ती जाती है। तो आप क़र्ज़ भरने में जितनी देरी करेंगी, उतना ही आपका क़र्ज़ बढ़ता जाएगा। क़र्ज़ जल्द से जल्द चुकता कर आप अपने क़र्ज़ को महंगा होने से बचा सकती हैं।

आइए जानें कि ऋण राशि का प्रभावी ढंग से उपयोग कैसे करें!

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