प्रीमियम वह राशि होती है जो आपको नियमित रूप से अपनी बीमा योजना का लाभ जारी रखने के लिए भरनी पड़ती है। यह राशि आप मासिक, तिमाही या सालाना रूप में भर सकती हैं। अलग अलग बीमा कम्पन्यां अलग अलग प्रीमियम राशि लेकर विभिन्न सुविधाएं देती हैं। इसलिए प्रीमियम और लाभ की तुलना करने ही बीमा योजना खरीदनी चाहिए।
इस बात का अंदाजा लगाइये की आपको कितनी सम अर्शयॉर्ड राशि की ज़रुरत है। यह राशि आपको योजना काल के ख़त्म होने पर या आपके दिए हुए नॉमिनी को आपको मृत्यु हो जाने पर मिलेगी। यह रकम कितनी होनी चाहिए इसका विचार करें।
हर ग्राहक कितनी बार उस कंपनी से योजना दुबारा खरीद रहा है, इसका अंदाजा आप दृढ़ता अनुपात द्वारा लगा सकती हैं। इसके अलावा ग्राहकों ने बीमा सामान्य और योजना के लिए क्या टिप्पणियां दी हैं यह देखें। नकारात्मत टिप्पणियों पर विशेष ध्यान दें।
दावा -निपटान अनुपात ग्राहकों द्वारा किये गए क्लेम या लाभ दावे में से कितने सफलता पूर्वक पूरे हुए हैं यह बताता है। इस रही का सालाना तौर पर आंकलन किया जाता है। हर बीमा कंपनी हर वर्ष इस रेश्यो की जानकारी अपनी वेबसाइट पर देती है।
क्या आप इस योजना का प्रीमियम अपनी मासिक आमदनी के साथ संभाल सकती हैं?
आपको कितनी सम अर्शयॉर्ड राशि की ज़रुरत है?
इस योजना और कंपनी के बारे में इसके ग्राहकों की क्या राय और टिपण्णी है। उन्हें इस योजना और कंपनी से कैसा अनुभव मिला है।
बीमा कंपनी का प्रेसिस्टैन्सी रेश्यो और क्लेम सेटलमेंट रेश्यो कैसा है।
आपके लिए कितने समय का योजना काल सही रहेगा।
योजना में अतिरिक्त लाभ जोड़ने के लिए कितने पैसे लगेंगे।
आपको किन राइडर्स को खरीदने की ज़रुरत है और इससे आपका प्रीमियम कितना बढ़ेगा।
आइए एक छोटी सी प्रश्नोत्तरी के साथ अपने ज्ञान का परीक्षण करें