इस निवेश से आप बुढ़ापे के लिए अतिरिक्त संपत्ति जुटाना।
नौकरी करते समय अपने रिटायरमेंट के दिनों की तैयारी करना। ईपीएफ में केवल नौकरी जारी रहने के दौरान निवेश किया जा सकता है।
ईपीएफ में आपकी कंपनी और आप, दोनों की तरफ से 12 प्रतिशत योगदान आपके ईपीएफ को जाता है।
आइये ईपीएफ योजना की मुख्या जानकारी को दी गयी टेबल से समझें।
ईपीएफ खोलने के लिए आवश्यक राशि
मासिक वेतन का 12%
ब्याज की दर
8.5%
लॉक-इन अवधि
रिटायरमेंट के बाद ही पैसा निकाला जा सकता है
ज़रूरी टिप
ईपीएफ से आप आपातकालीन समय में कुछ पैसे निकाल सकती हैं। यह नौकरी जाना या बेरोज़गार होने की स्थिति में किया जा सकता है। इसके लिए आपको पैसे निकालने के लिए लिखकर बिनती करनी होगी। आपकी बिनती मंज़ूर होने के 20 दिनों के अंदर आपको समाधान मिल जाएगा।
ज़रूरी टिप
आपको समाधान के लिए 20 दिनों का इंतज़ार करना पड़ेगा। आप अपनी 3 महीनो की पगार का बेसिक पे और डरनेस अलाउंस या फिर अपने ईपीएफ में पड़े पैसों का 75 प्रतिशत (दोनों में से जो कम हो वह) निकाल सकती हैं।
ईपीएफ कैसे प्राप्त करें, इसके बारे में जानने के लिए अगले भाग पर जाएँ
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