ऋण निवेश क्या हैं?

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ऋण निवेश

बड़ी मात्रा में ऋण की खरीद के माध्यम से किसी फर्म या परियोजना में किए गए निवेश को ऋण निवेश कहा जाता है।

बेहतर समझने के लिए पढ़ते रहें।

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    व्यवसायों, संगठनों और सरकारों को विकास और विस्तार के लिए ऋण की आवश्यकता होती है।

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    पूंजी की अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए वे आपसे डेट इन्वेस्टमेंट या बॉन्ड के रूप में लोन मांग सकते हैं।

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    किसी भी अन्य ऋण की तरह, बॉन्ड पूर्व-निर्दिष्ट परिपक्वता अवधि के होते हैं। इस अवधि के लिए, आप ब्याज कमाते हैं। परिपक्वता अवधि के बाद, आपको अपना मूलधन (निवेश की गई राशि) वापस मिल जाता है।

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    आपका ब्याज या रिटर्न ऋण निवेश में आपकी मूल राशि में जोड़ा जा सकता है या नहीं भी जोड़ा जा सकता है।

बॉन्ड में कूपन क्या है?

बॉन्ड में कूपन क्या है?

ब्याज दर या आपके ऋण निवेश पर अर्जित रिटर्न को कूपन कहा जाता है।

एक बांड में 'उपज' क्या है?

एक बांड में 'उपज' क्या है?

बॉन्ड में निवेश करने से मिलने वाला कुल रिटर्न यील्ड होता है।

उदाहरण के लिए:

मान लीजिए कि आपने एक बॉन्ड में ₹ 1000 का निवेश किया है, और आपका कूपन (ब्याज दर) 10% है।

यहां, आपके बॉन्ड की उपज ₹1000 पर 10% होगी, जो ₹100/ – है

बॉन्ड निवेश का चयन कैसे करें?

नीचे बॉन्ड में निवेश करते समय देखने योग्य चीजों की एक सूची दी गई है।

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क्रेडिट रेटिंग

  • यह किसी कंपनी की क़र्ज़ योज्यता को दर्शाता है। 
  • यह एक कंपनी या संस्था के लिए क्रेडिट स्कोर की तरह ही होता है। 
  • इससे यह पता लगता है की कंपनी आपकी निवेश राशि को लौटाने में कितने सक्षम है। 
  • यह रेटिंग, विशेषज्ञ क्रेडिट रेटिंग कंपनियों द्वारा, कंपनी के क़र्ज़ व्यवहार को देखते हुए दी जाती है। 
  • अधिकतर, सरकारी कंपनियों की क्रेडिट रेटिंग निजी कंपनियों से ज़्यादा होती है। 
  • जितनी ज़्यादा क्रेडिट रेटिंग, निवेश जोखिम उतना ही कम होता है। 

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निवेश काल यानि मैच्यॉरिटी

  • अपने निवेश के मैच्यॉरिटी काल या लॉक इन पीरियड को देखना न भूलें। 
  • सामान्य मैच्यॉरिटी वाले बॉन्ड के निवेश लाभ या मैच्यॉरिटी की तुलना करें। 

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निवेश जोखिम

  • सारे डेब्ट निवेश कम जोखिम वाले नहीं होते हैं। 
  • कुछ डेब्ट निवेशों में अधिक निवेश जोखिम भी होता है।

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आपातकालीन स्थितियों को ध्यान में रखें

  • किसी भी एक डेब्ट निवेश में अपने सारे बचत के पैसे न डालें। 
  • डेब्ट निवेशों में मैच्यॉरिटी के बाद ही पैसे निकाले जा सकते हैं। इसके पहले पैसे निकालने पर पेनल्टी या दंड राशि भरनी पड़ सकती है। 
  • अपनी बचत के कुछ पैसों में से कुछ पैसे हमेंशा अलग निकालकर रखें। इसके बाद ही किसी भी डेब्ट निवेश में पैसे डालें। 

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पोंज़ी योजनाओं से सावधान रहे

  • किसी भी डेब्ट निवेश की वजह होती है और यह स्पष्ट रूप से कंपनी द्वारा बताई जाती हैं। अगर किसी डेब्ट निवेश की कोई वजह नहीं है और वह अधिक ब्याज दे रही है, तो इसमें निवेश न करें। 
  • इसे पोंज़ी योजना कहते हैं और इनमे निवेश करने से धोखा हो सकता है। हमारी गाइड द्वारा पोंज़ी योजनाओं के बारे में जानें।

अगले अध्याय में बॉन्ड और इक्विटी के बीच अंतर के बारे में जानें

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