आपातकालीन स्थिति के लिए जमा पैसे

आप आपातकालीन स्थिति में आर्थिक सुरक्षा पाने के लिए पैसे जमा कर सकती हैं। इस जमा पैसे को इमरजेंसी कार्पस कहते हैं। 

आखिर क्या होता है इमरजेंसी कार्पस?

आखिर क्या होता है इमरजेंसी कार्पस?

आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए आपको हर महीने, अपनी आमदनी का कुछ हिस्सा बचाकर अलग से जमा करना चाहिए।इसी तरह हर महीने पैसे जमा कर हमें अपनी सालाना आमदनी का कुछ हिस्सा हमेंशा आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए अलग रखना चाहिए।

इन जमा पैसों को कहाँ रखना चाहिए?

इन जमा पैसों को कहाँ रखना चाहिए?

निवेश करने से निवेश को तोड़ने और पैसों में बदलने में देरी लग सकती है। इससे आपको पैसे मिलने का इंतज़ार करना पड़ सकता है। बेहतर होगा अगर आप इस जमा हिस्से को एक अलग बैंक खाते में रखें। इससे आपको किसी भी आर्थिक आपदा में पैसों को निकालने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

इमरजेंसी कार्पस में आपको कितने पैसे जमा रखने चाहिए?

इमरजेंसी कार्पस में आपको कितने पैसे जमा रखने चाहिए?

आपकी सालाना आमदनी में से 7 से 10 महीनों की आपकी तनख्वा आपके पास आपके बैंक खाते में रहनी चाहिए। यह आप धीरे धीरे जमा कर सकती हैं।

इमरजेंसी कार्पस बनाने से क्या फायदा होगा?

इमरजेंसी कार्पस बनाने से क्या फायदा होगा?

एक मज़बूत इमरजेंसी कार्पस के होने से आपको आर्थिक आपदाओं में सुरक्षा महसूस होगी। इससे चाहे कोई भी आपातकालीन स्थिति आए, आप अपने आर्थिक लक्ष्यों से दूर नहीं होंगी और सामान्य जीवन, बिना कटौती के जी सकेंगी।

इस कार्पस का कुछ हिस्सा हमने किसी आपदा में इस्तेमाल कर लिया हो तो क्या करें?

इस कार्पस का कुछ हिस्सा हमने किसी आपदा में इस्तेमाल कर लिया हो तो क्या करें?

अगर आपने इसका कुछ हिस्सा किसी आपदा में खर्च कर लिया है तो चिंता न करें। इन पैसों को अपनी अगले महीनों की आमदनी से दुबारा जमा कर अपने बैंक खाते में डालें।

तो निवेश कब शुरू करने चाहिए?

तो निवेश कब शुरू करने चाहिए?

एक बार आपका इमरजेंसी कार्पस पूरी तरह जमा हो चूका हो, तो उसके बाद आप निवेश शुरू कर सकती हैं।

यह थीं एक इमरजेंसी कार्पस को बनाने के बारे में सारी जानकारियां। लेकिन, आप स्वस्थ्य बीमा लेकर आर्थिक आपदाओं से और अच्छे से लड़ सकती हैं। अगर आप कमा रही हों तो आपको जीवन बीमा भी ज़रूर लेना चाहिए।

आइए जाने की स्वस्थ्य बीमा हम सबको क्यों लेना चाहिए?

आइए, स्वास्थ्य बीमा के महत्व के बारे में जानें!

अगला अध्याय