बधाई हो" - एक मार्गदर्शिक के आखिरी अध्याय का अंत
हमें उम्मीद है की आपको निवेशों में समय के महत्त्व के बारे में सारी जानकारियां ठीक से समझ आई होंगी। हम फिर लौटेंगे और गाइड्स के साथ।
तब तक के लिए, धन्यवाद।
क्या आपने यह कहावत सुनी है? “आज एक बचाओगे तो कल दुगना मिलेगा।” यह कहावत आपके निवेशों पर बहुत अच्छी तरह लागू होती है।
आप यदि निवेश कर अपने पैसों को बढ़ाकर फिर कुछ समय बाद उसी चीज़ को खरीदें तो आपको उतनी आर्थिक चिंता का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह तुरंत किसी भी चीज़ को खरीदने से बेहतर होगा। लेकिन क्यों
क़र्ज़ लेकर खरीदना | निवेश कर खरीदना |
आपको इसपर ब्याज भरना पड़ेगा। | आपको ब्याज या रिटर्न्स मिलेंगे। |
क्योंकि ब्याज भरना है आपको वस्तु के दाम से अधिक रकम भरनी पड़ेगी। | रिटर्न्स मिलने पर आपके निवेश किये हुए पैसे बढ़ेंगे। |
आप पर इन पैसों को लौटाने की चिंता होगी और इस कष्ट से आप परेशान रहेंगी। | क्योंकि आपने निवेश कर पैसे जमा करके वस्तु खरीदी है, आपको कुछ भी लौटाने की चिंता करने की ज़रुरत नहीं है। इससे आप चिंता-मुक्त रहेंगी। |
आपको तुरंत वह वास्तु क़र्ज़ लेकर मिल सकती है | आप लगातार महीनों तक निवेश करके ही चीज़ें खरीद पाएंगी। |
समय और निवेश की अपनी समझ की जांच करने के लिए यहां एक त्वरित प्रश्नोत्तरी है।
हमें उम्मीद है की आपको निवेशों में समय के महत्त्व के बारे में सारी जानकारियां ठीक से समझ आई होंगी। हम फिर लौटेंगे और गाइड्स के साथ।
तब तक के लिए, धन्यवाद।