निचे दिए गए निर्देशों का पालन करें।
भारतीय बैंकों द्वारा प्रस्तावित दो आधार दर प्रकार हैं बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (बीपीएलआर) और मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर)। एमसीएलआर के आधार पर ऋण प्राप्त करें, क्योंकि कम ब्याज भुगतान के कारण इसे चुकाना आसान होता है।
जितनी कम ब्याज दर हो उतना अच्छा। काम ब्याज दर होने से ब्याज की राशि कम होगी और उसे लौटाना आसान होगा। मुमकिन हो तो फ्लैट या घटती ब्याज दर को चुनें।
कुछ क़र्ज़ केवल परीक्षा में बेहतरीन अंक लाने वाले विद्यार्थियों को ही मिल सकते हैं। इस श्रेणी में उनके अब तक के पढ़ाई और पाठशाला व्यवहार का भी आंकलन किया जाता है। इसलिए बेहतर यह होगा की किसी भी क़र्ज़ का आवेदन भरने से पहले उसकी योग्यता सूचि को ध्यान से पढ़ें।
ऋण वापसी की अवधि के लिए लम्बी अवधि चुनने से आपको उसे लौटाने में आसानी हो सकती है। इससे आपकी मासिक किश्त भी अपने आप कम हो जाती है।
अगर आपका अब तक का विश्वस्तता की परख अच्छा नहीं रहा है तो आपका क्रेडिट स्कोर कम आएगा। इससे आपको क़र्ज़ मिलने में दिक्कत हो सकती है और आपको संपार्श्विक यानी संपत्ति गिरवी रखनी पड़ सकती है।