अपना ईएमआई समय पर भरें ताकि दंड राशि यानि पेनाल्टी का सामना न करना पड़े। बजट बनाने की कला को सीखें और इसके लिए मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करें।
अपनी चुकौती अवकाश को छोटे से छोटा रखें ताकि आपका उस समय का ब्याज ज़्यादा जमा न हो।
ज़्यादा से ज़्यादा सरकारी सब्सिडी और छूट का सहारा लें।
सेक्शन 80E द्वारा ली हुई क़र्ज़ के ब्याज पर लगने वाले आयकर से मुक्ति पाएँ। एजुकेशन लोन के ब्याज पर आपको आय कर भरने की ज़रुरत नहीं होती।
जहाँ से क़र्ज़ लिया है उस बैंक से पूछें की क्या कम ब्याज दर वाले किसी बैंक में यह एजुकेशन लोन ट्रांसफर किया जा सकता है।
नयी नयी सरकारी योजनाओं और सब्सिडी पर नज़र रखिये। इससे आप आपने क़र्ज़ का भार ज़्यादा से ज़्यादा घटा सकती हैं।