अक्सर फल विक्रेता, दुकानदारों, ट्रक चालकों, और टैक्सी ड्राईवारों इत्यादि को बैंक से क़र्ज़ मिलने में मुश्किल होती है।
क्रेडिट गारंटी फण्ड योजना द्वारा उन्हें लोन गारंटी मिलती है, जिससे वे बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी संस्थान और अन्य औपचारिक संस्थानों एनबीएफसी से क़र्ज़ ले सकते हैं। ऐसे क़र्ज़ एमएसएमई में कुछ गिरवी रखने या कोलैट्रल की ज़रुरत नहीं पड़ती है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय और सिडबी ने मिलकर एक ट्रस्ट फण्ड खोला है जिससे क्रेडिट गारंटी फण्ड ट्रस्ट को वित्त प्रदान किया जाता है। इस ट्रस्ट फण्ड को क्रेडिट गारंटी फण्ड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्माल इंटरप्राइजेज (सीजीटीएमएसई) कहते हैं।
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या सूची नवम्बर 2020 के अनुसार है।
नोट: नीति समीक्षा के अनुसार परिवर्तन संभव है
वर्ग | गारंटी की अधिकतम सीमा जहां ऋण सुविधा है | ||
अति लघु उद्योग | ₹ 5 लाख तक | ₹ 5 लाख से अधिक और ₹ 50 लाख तक | ₹ 50 लाख से अधिक और ₹ 200 लाख तक |
डिफ़ॉल्ट राशि का 85% अधिकतम ₹ 4.25 लाख के अधीन | डिफ़ॉल्ट राशि का 75% अधिकतम ₹ 37.50 लाख के अधीन | डिफ़ॉल्ट राशि का 75% अधिकतम ₹150 लाख के अधीन | |
उत्तर पूर्व क्षेत्र (सिक्किम सहित) में स्थित महिला उद्यमी/इकाइयाँ (सूक्ष्म उद्यमों को ₹ 5 लाख तक की ऋण सुविधा के अलावा) | डिफ़ॉल्ट राशि का 80% अधिकतम ₹ 40 लाख के अधीन | ||
एमएसएमई खुदरा व्यापार (₹10 लाख से ₹100 लाख तक) | डिफ़ॉल्ट राशि का 50% अधिकतम ₹ 50 लाख के अधीन | ||
उधारकर्ताओं की अन्य सभी पात्र श्रेणी | डिफ़ॉल्ट राशि का 70% अधिकतम ₹ 150 लाख के अधीन |
MSME 59 मिनट क़र्ज़ योजना एक घंटे के अंदर, कम से कम दस्तावेज़ों के साथ क़र्ज़ मिलने की सुविधा देती है।
क्रेडिट गारंटी फण्ड योजना फल विक्रेताओं, दुकानदारों, ट्रक चालकों और टैक्सी ड्राईवारों को बिना कुछ गिरवी रखे आसानी से क़र्ज़ मिलने में मदद करती है।
क्रेडिट गारंटी फण्ड योजना द्वारा उन्हें लोन गारंटी मिलती है, जिससे वे बैंक, पाथपेड़ी, सहकारी संस्थान और अन्य औपचारिक संस्थानों से क़र्ज़ ले सकते हैं। ऐसे क़र्ज़ में कुछ गिरवी रखने या कोलैट्रल की ज़रुरत नहीं पड़ती है।