बिना ठीक तरह से जाने और समझें क़र्ज़ लेने से और उसे चुकाने में लापरवाही करने से आपको दुबारा क़र्ज़ लेना पड़ सकता है। इससे आप क़र्ज़ के पेचीदा जाल में फस सकती हैं। लेकिन यह भी हो सकता है की आप बिना किसी गलती के भी क़र्ज़ के जाल में फस जाएं। उदाहरण के तौर पर :
ऐसे समय में जब हम अपने जोखिमों को ठीक से समझ नहीं पाते या उन्हें नज़रअंदाज़ करते हैं।
या
अगर किसी कारोबार के लिए क़र्ज़ लिया है और वह उम्मीद के अनुसार चल नहीं पाता है।
या
अगर आपको क़र्ज़ विरासत में मिला हो तो।