अपनी ज़िन्दगी क़र्ज़ में डूबी ज़िन्दगी न बनने दें।

बिना ठीक तरह से जाने और समझें क़र्ज़ लेने से और उसे चुकाने में लापरवाही करने से आपको दुबारा क़र्ज़ लेना पड़ सकता है। इससे आप क़र्ज़ के पेचीदा जाल में फस सकती हैं। लेकिन यह भी हो सकता है की आप बिना किसी गलती के भी क़र्ज़ के जाल में फस जाएं। उदाहरण के तौर पर :

ऐसे समय में जब हम अपने जोखिमों को ठीक से समझ नहीं पाते या उन्हें नज़रअंदाज़ करते हैं।

या

अगर किसी कारोबार के लिए क़र्ज़ लिया है और वह उम्मीद के अनुसार चल नहीं पाता है।

या

अगर आपको क़र्ज़ विरासत में मिला हो तो।

आपकी ज़िन्दगी क़र्ज़ में डूब कर न रह जाए इसलिए इन बातों का ध्यान रखें:

  • अपनी क्षमतानुसार क़र्ज़ लें।

 

  • हमेंशा पैसों की बचत करें।

 

  • क़र्ज़ लौटाने के लिए केवल अपने आप पर निर्भर रहे।

 

  • पहले लिए हुए क़र्ज़ को लौटाने के लिए दुबारा क़र्ज़ न लें। इससे आप क़र्ज़ के जाल में फँस सकती हैं।

 

  • किसी भी चीज़ को गिरवी न रखना पड़े ऐसे क़र्ज़ चुनें।

 

  • सरकारी योजनाओ और छूट सब्सिडी इत्यादि की सहायता लें और अपने क़र्ज़ के बोझ को कम करें।

उधार लेने के क्या करें और क्या न करें के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहें

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